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लेखनी प्रतियोगिता -29-Aug-2022

             

मैं करन वर्मा एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखता हूं जहां भावनाओं से ज्यादा एहमियत बिजनेस रखता था। लेकिन एक खुशनुमा सुबह ने मेरे पूरे स्वभाव को बदल दिया। 

रविवार का दिन अक्सर मैं घर में बनी लाइब्रेरी में बिजनेस पर आधारित किताबें पढ़ कर गुजारा करता था। शनिवार शाम को डैड ने बताया:-

"करन रविवार को तुम अक्सर फ्री ही रहते हो। और मेरी तबियत भी कुछ ठीक नहीं है तो मैंने सोचा कि कल सुबह मेरी जगह तुम चार बजे खुराना कंस्ट्रक्शन के मैनेजर नीरज से जो मीटिंग होने वाली है उसे तुम अटेंड करो और फाइव स्टार होटल वाली डील का कांट्रेक्ट पढ़ कर साइन करो।"

"ठीक है पापा" बोल कर मैं अपने कमरे में चला गया। अगली सुबह पांच बजे तक मीटिंग खत्म होने के बाद मैं वापस घर आ रहा था जब पहली बार मैंने माहिरा को देखा।

ब्लैक ट्रैक सूट पहने बालों को पीछे बांधे हुए वो रनिंग करने में व्यस्त थी। हमेशा काम से मतलब रखने वाला और घर पर ही जिंम करने वाला करन कब माहिरा को देखते हुए रनिंग करने लगा। इसका अनुमान भी नहीं लगाया जा सकता। कुछ देर दौड़ने के बाद माहिरा एक बैंच पर बैठ गई तो मै भी उसके सामने वाले बैंच पर बैठ कर उसकी तरफ देखने लगा। अपने ऊपर किसी की नजरें महसूस कर माहिरा ने इधर उधर देखा तो उसने मुझे उसको घूरते हुए पाया। उसने आंखें दिखाई तो मैं वहां से निकल कर वापस आ गया। घर आकर भी उसका चेहरा बार बार आंखों के सामने आ रहा था। शायद इसे ही पहली नज़र का प्यार कहा जाता है। 


यह थी मेरी और माहिरा की पहली मुलाकात छोटी सी लेकिन मेरे लिए यादगार। बहुत जल्द दूसरी मुलाकात का किस्सा भी शेयर करुंगा तब तक के लिए अलविदा। आप बने रहिए रेडियो चैनल 420.9211 पर और सुनते रहिए ऐसे ही रोमांटिक किस्से।

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9 Comments

Renu

31-Aug-2022 01:44 PM

👍👍

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shweta soni

31-Aug-2022 09:52 AM

Behtarin rachana

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Punam verma

30-Aug-2022 08:48 PM

Very nice

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